एक परिचय
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श्री कमला शंकर अवस्थी
संस्थापक |
आधुनिक हिन्दी युग के शिखर पुरुष पं0 सूर्यकांत त्रिपाठी निराला उन्नाव जनपद की विभूति है। उनका व्यक्तित्व तथा साहित्यिक योगदान किसी भी परिचय का आश्रित नही है।
सन् 1990 में अक्टूबर-निराला निर्वाण दिवस के अवसर पर आयोजित गोष्ठी में जनपद के ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी प्रकार से उच्च शिक्षा की व्यवस्था न होने पर चिन्ता व्यक्त की गई और् निश्चय करके इस कार्य हेतु निराला शिक्षा निधि, उन्नाव का गठन किया गया। जिसके संस्थापक / आजीवन अध्यक्ष थे जनपद की महत्वपूर्ण विभूती डा0 शिवमंगल सिंह "सुमन" ।
निधि ने महाकवि निराला की स्मृति में उनके गांव के निकट निराला के वंशजों तथा क्षेत्रीय निर्धन ग्रामीण युवाओं की शिक्षा हेतु महाप्राण निराला महाविधालय की स्थापना का संकल्प लिया। महाविधालय का प्रथम सत्र 1993-94 से प्रारंभ हुआ और जनपद के ग्रामीण क्षेत्र का यह पहला महाविधालय बना।
उल्लेखनीय यह भी है कि इस कार्य में शासन/किसी लक्ष्मीपुत्र का प्रारंभिक चरण में सहयोग न होकर यह कार्य सामान्य जन के सहयोग से प्रारंभ हुआ।
आज निधी की परिसम्पत्तियां लगभग 3 करोड की है और् निधि महाप्राण निराला महाविधालय के अतिरिक्त निराला जी को हिन्दी साहित्य की ओर से प्रेरित करने वाली उनकी सहधर्मीणी मनोहरा जी की स्मृति मे एक बालिका महाविधालय का भी संचालन कर रही है।
महाप्राण निराला महाविधालय परिवार संकल्पित है-सर्वसुलभ, स्तरीय तथा सुव्यवस्थित वातावरण में महाकवि के पौत्रों/प्रपौत्रों/प्रपौत्रियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये। वृक्ष तो बस बीज का एक कायाकल्प है। इस कथानोक्ति को साकार करने की द्रष्टि से हम संकल्पित है निराला विश्वविधालय की स्थापना हेतु।
प्रदेश अथवा केंद्र शासन यदि विश्वविधालय की स्थापना करना चहेगा तो निधि तत्काल रुप से अपनी परीसम्पत्तियां जन सामान्य की शिक्षा व्यवस्था हेतु बिना किसी प्रतिबंध के शासन को अर्पित कर देगी।
इस स्वप्न के साकार होने तक हम जन सामान्य को सुलभ स्तरीय उच्च शिक्षा प्रदान करने का अपना प्रयास निर्वाधरुप से बढाते रहेंगे और हमारा संकल्प है कि कोई भी छात्र-छात्रा अर्थाभाव से शिक्षा से वंचित ना रहे।
शिक्षा व्यवस्था न होकर से बने इस सेतु हम क्षेत्र, समाज, राष्ट्र के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करते रहेंगे।
परीक्षाफल
2009
कक्षा |
नामांकित छात्र सं. |
परीक्षा में सम्मिलित |
उत्तीर्ण |
उत्तीर्ण का प्रतिशत |
B.A. Ist |
421 |
411 |
389 |
92.40% |
B.A. IInd |
204 |
203 |
167 |
82.84% |
B.A. IIIrd |
736 |
730 |
718 |
97.55% |
B.Sc. Ist |
191 |
181 |
171 |
89.53% |
B.Sc. IInd |
84 |
82 |
80 |
95.24% |
B.Sc. IIIrd |
229 |
225 |
213 |
93.01% |
2010 |
B.A. Ist |
553 |
545 |
496 |
89.69% |
B.A. IInd |
386 |
378 |
356 |
92.23% |
B.A. IIIrd |
179 |
179 |
177 |
98.88% |
B.Sc. Ist |
287 |
272 |
266 |
92.68% |
B.Sc. IInd |
168 |
159 |
156 |
92.86% |
B.Sc. IIIrd |
90 |
90 |
85 |
94.44% |
2011 |
B.A. Ist |
461 |
432 |
373 |
81% |
B.A. IInd |
500 |
469 |
436 |
87% |
B.A. IIIrd |
366 |
348 |
339 |
93% |
B.Sc. Ist |
270 |
269 |
213 |
79% |
B.Sc. IInd |
259 |
248 |
245 |
92% |
B.Sc. IIIrd |
162 |
158 |
156 |
96% |
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